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Sunday, June 17, 2012

दो दलित दस्तावेजी फिल्में


दलितों की पीडा और प्रतिकार की दो दस्तावेजी फिल्मों की सीडी का आज से हम वितरण शुरु करेंगे. उन फिल्मों के नाम है, 1. मारा बापनुं पुतळुं (मेरे बाप का पुतला) और 2. काफी नहीं दो गज जमीन. दोनों फिल्म अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ तैयार की गई है.

'मारा बापनुं पुतळुं' में आप देखेंगे कि कितना धिक्कार और घृणा है उन्हे दलित तेजस्वीता से. दलितों की भावि पीढी का नैतिक मनोबल तोडने के लिए कैसी घिनौनी साजीस रची है गुजरात की पुलीस ने. राजकोट में समाज कल्याण विभाग संचालित महात्मा गांधी छात्रालय में घुसकर पढाई में व्यस्त दलित विद्यार्थीओं पर पुलीस ने निर्दयतापूर्वक हमला क्यों किया? बाबासाहब की एक प्रतिमा जो तूटी ही नहीं थी, क्यों उसे तोडने की अफवाह फैलाई गई? ये सारे सवालों के जवाब आपको मिलेंगे 'मारा बापनुं पुतळुं' में.

जमीन इस देश के दलितों का अहम सवाल है. पीछले तीस सालों से गांवों में एग्रीकल्चरल लेन्ड सीलींग एक्ट के तहत मीली जमीन पर दलित का कब्जा है सिर्फ नाम का. वास्तव में ये सारी जमीनें गांवों में दबंग सवर्णों के अंकुश तले हैं. अगर दलित इसे लेने का तनीक भी प्रयास करतें है तो उसमें उनकी जान भी जाती है. गुजरात में अमरेली, सुरेन्द्रनगर से ले कर बनासकांठा जिल्लों में कई जगहों पर बहुत अहम लडाईयां लडी जा रही है, जो आनेवाले दिनों में निर्णायक बननेवाली है. ऐसी एक लडाई राजस्थान-पाकिस्तान की सरहद पर आए गांव जोरडीयाली में दलितों ने कैसे लडी और कैसे उन खेतों में घुसकर सवर्णो का सारा पाक उखाडकर फेंक दिया और जलाकर राख कर दिया, इसका दिल को दहलानेवाला वृतांत है फिल्म 'काफी नहीं दो गज जमीन' में.

दलितों में भाषनबाजी करनेवाले, बम्मनों को गालियां देनेवाले लीडरों की नस्ल पैदा हुई है. इस नस्ल से हटकर कुछ लोग ऐसे है जो जमीन की लडाई लड रहे है. ऐसे लोगों की बात है 'काफी नहीं दो गज जमीन' में. आज हम अहमदाबाद में इस दो फिल्मों का स्क्रीनींग कर रहे हैं. अगर आप आना चाहते हैं या सीडी लेना चाहते हैं तो 9898650180 पर संपर्क किजीए.  

4 comments:

  1. રાજુભાઈ જય ભીમ
    તામારા તમામ પ્રયત્નો સમયસરના અને યોગ્ય દિશાના રહ્યા છે. ધન્યવાદ
    દલિત હીતમા જે કાઈ કરવું ઘટે એ કરીએ થઈ શકે એટલુ કરીએ પણ,કરીએ અને આજે કરીએ. દુનિયા બોલે એને બોલવા દઈએ.

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  2. IS it available on youtube as well?

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  3. sorry sir for not coming on screening of documentary. I want both the CDs as possible as soon.

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