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Sunday, December 30, 2012

दिल्ही नहीं, हरीयाणा देश का क्राइम स्टेट


दिल्ही नहीं हरीयाणा देश का क्राइम स्टेट है. हरीयाणा में स्त्री लिंग अनुपात जाटों की मानसिकता की तरह विकृत हो चूका है. प्रति हजार पुरुष सिर्फ 877 महिलायें हैं. देश में स्त्री लिंग अनुपात प्रति हजार पुरुष 940 स्त्रियों का है. जब से खाप पंचायतों ने एक ही गोत्र में विवाह करने के खिलाफ फतवा निकाला है, तब से दलित लडकियां जाटों की क्रुर वासना का शिकार बनने लगी है. नेशनल क्राइम रेकोर्ड्ज ब्यूरो के रीपोर्ट बताते हैं कि दलित लडकियों-स्त्रियों पर बलात्कार की घटनायें 2007 में 21 थी, जो 2011 में बढकर 56 हूई हैं. राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी घटनाओं में 15 फीसदी इजाफा हूआ है, और हरीयाणा में 167 फीसदी इजाफा हुआ है. इसमे सबसे घिनौना किस्सा 9 सीतम्बर को हिस्सार जिल्ले के दरबा गांव में हुआ था, जब दर्जन सवर्णों ने 16 साल की दलित लडकी पर बलात्कार किया, अपनी दरिंदगी का विडीयो रेकोर्डिंग किया और फिर उसे सर्क्युलेट भी किया था. बलात्कार से त्रस्त पिता ने आत्महत्या की थी. उसी उम्र की अन्य दलित कन्या पर जिन्द जिल्ले के सच्चा खेडा गांव में बलात्कारियों ने गेंग रेप के बाद लडकी को जिंदा जला दिया था. कल्यात में दो युवकों ने दलित स्त्री को अगवा किया और बलात्कार किया, जिसके पेट में पांच महिने का गर्भ था. हरीयाणा में जाट गुंडे राजकीय छत्र के तले आराम से दलित लडकियों पर बलात्कार करते हैं और उन्हे मार डालते हैं. इस साल के सीतम्बर में हरीयाणा के रोहतक, हिस्सार, जिन्द, भीवानी, यमुनासागर, पाणीपत, अंबाला, करनाल, फरिदाबाद और कैथल जैसे जिल्लों मे बलात्कार की कई घटनाएं हूई. 

(आनंद तेलतुंबडे के लेख आधारीत)

Saturday, December 29, 2012

फिर बार बार कोर्ट में जाना पडेगा


गुजरात में पुलीस कोन्स्टेबल को संघ परिवार की सरकार ने लोकरक्षक नाम दिया है. ऐसे 3000 लोकरक्षकों की रीक्रुटमेन्ट में एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण का अमल नहीं हुआ था. गुजरात हाइकोर्ट ने कल इस प्रक्रिया को रद्द किया. अब फिर से क्वोटा के मुताबीक रीक्रुटमेन्ट होगी. जो लोग मोदी के पीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं, जान ले कि मोदी पीएम बनेगा तो पूरे देश में ऐसी स्थिति होगी. आरक्षण का अमल करने के लिए बार बार कोर्ट में जाना पडेगा.

Thursday, December 6, 2012

दलितों और पीछडों के प्रति स्वामिनारायण संप्रदाय का रवैया


आज से 43 साल पहले गुजरात के 'संदेश' दैनिक में स्वामिनारायण संप्रदाय के एक जानेमाने साधु योगी महाराज का एक निवेदन प्रगट हुआ था. यह संप्रदाय और उनके साधुओं के मन में दलितों तथा पीछडों के लिए कैसी दुर्भावना थी, इसकी अनुभूति हमें यह समाचार पढकर होती है.


संदेश
मंगलवार ता.13 मई 1969
भगवान स्वामीनारायण ने ढेड-वाघरी सबको अपनाया परन्तु उन्हें अपने साथे बैठकर भोजन करने के लिये नहीं कहा.
वडोदरा ता.11
श्री अक्षरपुरुषोतम अटलादरा के पु.श्री योगीजी महाराज ने आज पत्रकारों को बताया कि वर्णाश्रम अहिंसा और ब्रम्हाचर्य का सत्य  युगो से चलता आ रहा है और इस युग में भी होना चाहिये उसके बिना मनृष्यों को मोक्ष नहीं मिल सकता.
श्रीजी महाराज ने वर्णाश्रम को स्वीकार किया है. उन्होने वाघरी, ढेडा वगेरे गरीबों का हाथ पकड़कर उनसे कुटेव और गलत धंधे को छुड़वाकर संस्कारी बनाया है. श्रीजी महाराज ने राजाओं और शेठियों के लिये नही परन्तु गरीबों के बेली भगवान है ऐसा मानकर सबको अपनाया है उसके बावजुद भी उनके साथ बैठ़कर खाने की बात नही कही.
श्रीजी योगीजी महाराज का 78 वां जन्मदिन मनाने के लिये श्री अक्षरपुरुषोतम सत्संग मंडल द्वारा 4 दिन का एक युवक महोत्सव का मनाया गया, श्री. योगीजी ने बच्चों और युवको में सत्संग भावना बढ़े, संस्कारो का सिंचन हो और सेवाभावना जागृत हो उस तरह काम करने का अनुरोध किया.
पत्रकारों के प्रश्नो का उतर देते हुए उन्होने कहा कि सांकरवा में श्री. अक्षरपुरुषोतम के नाम से चलनेवाली प्रवृति में उनका कोई हाथ नही है.
इस प्रंसग पर उपस्थित मुंबई के श्री. हर्षदभाई दवे कहा कि  "वचनामृत" में स्त्रीओं और साधुओं की मर्यादा बताई गयी है, उससे उल्टा बर्ताव किया जा रहा है, जिसके कारण वो हमसे अलग है
श्री. दवे ने आगे बताया कि, वडताल की गदी के बारे में हमारा कोई झगड़ा या तकरार नहीं है. वहां के साधु यहां आते हैं और हम भी वहां जाते है.



Tuesday, November 20, 2012

रूपाला को जुता मारो

ढोल, गंवार, शुद्र, पशु, नारी ये सब ताडन के अधिकारी, ऐसा कहनेवाले पुरुषोत्तम रुपाला को जो कोई जुता मारेगा, उस आदमी का हम सम्मान करेंगे.

Sunday, November 11, 2012

आतंकवाद से लडने के लिए लाई गई कार्बाइन से मारा दलित बच्चों को



थानगढ में दलित बच्चों को .303 (पोइन्ट थ्री नोट थ्री) और कार्बाइन गन से मारा गया था. पुलीस की एफआईआर में इस बात का जीकर है, इस लिए गुजरात सरकार इस बात से मुकर नहीं सकती. पोइन्ट थ्री नोट थ्री कैसी कातिल जानलेवा बंदूक है, इसका अंदाजा अगर किसी को होता भी है, हमें बताने के लिए वह जिंदा नहीं रहता.

पोइन्ट थ्री नोट थ्री का इस्तेमाल बरसो से पुलीस फोर्स कर रहा है. 1956 के महा गुजरात के आंदोलन दौरान जब लाल दरवाजा की कांग्रेस कचहरी के पास विनोद किनारीवाला की जान गई थी, तब मोरारजी देसाई बोला था, "बंदूक की गोलियों पर मरनेवाले का पता नहीं लिखा होता." नवनिर्माण के आंदोलन के दौरान चीमन पटेल की सरकार ने 105 युवाओं की जान ली थी. उस वक्त भी पुलीस युवाओं की छाती में गोलियां मारती थी. अब आतंकवादियों के सामने साडे चार किलो वजन की और मीनट में बीस राउन्ड छोडनेवाली पोइन्ट थ्री नोट थ्री अब पुरानी हो चूकी है. मुंबई में कसाब और उसके आतंकी साथी कार्बाइन लेकर आये थे और 166 लोगों को मार डाला था. मुंबई के आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान की सरहद पर आये राज्यों को ओटोमेटिक राइफलें देने का निर्णय लीया था और उस निर्णय के तहत गुजरात में 2000 ओटोमेटीक राइफलें आइ थी. इन राइफलों को गुजरात के विभिन्न जीलों में बांटी गई थी. उसी में से एक कार्बाइन से पुलीस ने थानगढ में दलित बच्चों को मौत के घाट उतारा था. सिर्फ 3.2 किलो की कार्बाइन मीनट में 650 राउन्ड छोडती है.

थानगढ में दलितों पर वोटर केनन, लाठीचार्ज, अश्रुवायु किसी का भी प्रयोग किये बिना पुलीस ने कार्बाइन गन चलाई थी. अब गुजरात के दलित इस चुनाव में मोदी-फलदु के पीछे पीछे कुत्ते की तरह घुमते उनके प्रतिनिधियों को हराकर सबक शीखायेंगे तभी थानगढ के मृतात्माओं को सच्ची श्रद्धांजली मीलेगी.