Total Pageviews

Sunday, June 10, 2012

नया आसमान


उन का सिर्फ जमीन पर नहीं आसमान पर भी कब्जा था. पहले तो उन्हो ने पूरे युनिवर्स को ब्रह्मांड कहा. हमें अभी भी ब्रह्मांड शब्द से एतराज नहीं है.  ब्राह्मण हमारे सिर पर इतना चढ़ गया है कि उसकी मायाजाल उसने कहां तक बूनी है इसका हमें पता तक नहीं. हमारे में जो शब्दों के साधक है, जरा मुझे ब्रह्मांड शब्द का पर्याय ढुंढने में मदद करेंगे? 
  
उसने आसमान में हर एक तारे को नाम दिया. हम अभी तक वही रटते आ रहे है. कब तक हम लोग सप्तर्षि नक्षत्र में अत्री, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ट का नाम रटते रहेंगे. वे सभी ब्राह्मण थे, विश्वामित्र के अपवाद के सिवाय. क्या आप सप्तर्षि के नाम बदलना नहीं चाहेंगे? मैं आप को बता रहा हुं. हमारे नाम इस प्रकार है: बुद्ध, कबीर, नानक, रैदास, जोतीबा, बाबासाहब अंबेडकर, रमामाई. चलो, हम नया आसमान चून लें.

No comments:

Post a Comment