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Thursday, April 25, 2013

दलित महिला सरपंच की रिहाई



कल महेसाणा सेसन्स कोर्ट ने लाखवड की दलित महिला सरपंच कमलाबहेन की जामीन अर्जी मंजुर करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई गुनाह नहीं बनता. गुजरात में अमित शाह के साथ उसकी पत्नी तडीपार नहीं होती. माया कोडनानी के साथ उसके पति को सजा देने के बारे में कल्पना भी नहीं की जाती, मगर एक दलित महिला सरपंच के पति ने एक सरकारी निगम से सिर्फ एक लाख सत्तर हजार की लोन ली हो और उसमें से एक लाख रुपया बाकी हो तो गुजरात की पुलीस पति के साथ महिला सरपंच के उपर भी आइपीसी की कलम 406, 506 (2) के तहत एफआईआर दर्ज करती है और सात-सात दिन तक दलित महिला सरपंच को जेल में ठुंस सकती है. मोदी देश का पीएम बनेगा तो पूरे देश में दलितों के साथ ऐसा व्यवहार होगा इसकी हम गारन्टी देते हैं.

Saturday, April 20, 2013

कौन कहता है बलात्कार करना जुर्म है ?

हिमांशु कुमार


मणिपुर में मनोरमा को भारतीय सेना के जवान उठा कर ले गये और बलात्कार करने के बाद उसकी जननांग में गोलियाँ दाग दी.  मनोरमा के बलात्कारियों को बचाने के लिये भारत सरकार आज भी मुकदमा लड़ रही है. इसके विरोध में उसकी सहेली इरोम शर्मिला बारह साल से अनशन पर है.

उड़ीसा की आदिवासी लड़की आरती मांझी को सुरक्षा बलों ने घर में घुस कर उठा लिया , आरती के साथ महीना भर थाने में बलात्कार किया और उसके बाद उसे भी जेल में डाल दिया. आवाज उठाने वाले दंडपानी महन्ती के बेटे को पुलिस ने जेल में डाल दिया. आरती अभी भी जेल में है. सरकार बलात्कारियों को बचाने के लिये मुकदमा लड़ रही है.

छत्तीसगढ़ की आदिवासी शिक्षिका सोनी सोरी को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में जाने की सजा के तौर पर पकड कर थाने ले जाकर उसे बिजली का करेंट लगाया गया और उसके गुप्तांगों में पत्थर भर दिये, अस्पताल के डाक्टरों ने पत्थर के टुकड़े निकाल कर सर्वोच्च न्यायालय को भेज दिये . उसके बाद भी सरकार पुलिस वालों को बचाने के लिये मुकदमा लड़ रही है. सोनी सोरी अभी भी जेल में है.

कौन कहता है बलात्कार करना जुर्म है ? आप सरकार की तरफ से अमीरों के लिये बलात्कार करिये. आपको सरकार अपने खर्च पर बचायेगी .और यही समाज आप पर फक्र करेगा. आपको बहादुरी के तमगे देगा.

बस आपको यह पता होना चाहिये कि इस देश में आपको किसकी तरफ रहना है और किसकी तरफ नहीं. आप मुसलमानों दलितों ईसाईयों या आदिवासियों की तरफ हैं तो फिर आपकी बेटियों के साथ सरकारी खर्च पर बलात्कार किया जा सकता है.

Wednesday, April 17, 2013

मोदी सरकार ने दलित महिला सरपंच कमला मकवाणा को जेल में डाल दिया


कमलाबहन मकवाणा लाखवड की सरपंच बनी, मगर 6 माह तक पूर्व-सरपंच प्रहलाद पटेल ने उन्हे पंचायत की कचहरी में प्रवेश करने नहीं दिया. पंचायत का पूरा रेकोर्ड अपने खिस्से में रखा. जब भी कमलाबहन कचहरी जाती तो वह उन्हे, साली चमारीन तू यहां क्युं आती है, ये तेरा काम नहीं है, ऐसा कहकर गालियां देता था. यहां तक कि कमलाबहन के घर जाकर उनके पति बलदेवभाई को मारा-पीटा और गालियां दी. कमलाबहन ने उसके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत फरियाद की, मगर पुलीस ने पटेल की गिरफ्तारी नहीं की. पटेल सरपंच के ओहदे पर नहीं था, फिर भी कमलाबहन के नाम से पंचायत के लेटरपेड पर कमलाबहन के फर्जी दस्तखत करके लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट देता था. कमलाबहन ने उसके खिलाफ डीडीओ को फरीयाद की. डीडीओ ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया. 

दूसरी तरफ, कमलाबहन के पति बलदेवभाई ने आठ साल पहले अनुसूचित निगम से रू. 1.70 लाख में रीक्षा ली थी. रीक्षा लेने के बाद एक ही सप्ताह में उनकी रीक्षा का एक्सीडेन्ट हो गया. बलदेवभाई बूरी तरह जख्मी हूए थे. फिर उन्होने रीक्षा किराये पर दे दी थी. संयोगवशात एक लाख रूपया अभी तक बाकी था. उस वक्त बीजेपी का उप-सरपंच उनका जामीन हुआ था. उसने अभी उनके खिलाफ पुलीस कारवाई की, ऐसा कहते हुए कि ये लोग पैसा नहीं भरते इसलिए निगम मुझसे बाकी पैसा मांग रहा है और इन्हो ने फ्रोड किया है. इस बात पर पुलीस ने उन्हे पकड लिया और कोर्ट ने भी जमानत नहीं दी. आज कमलाबहन, उनके पति बलदेवभाई, पुत्र भरतभाई तथा अन्य चार स्वजन – कुल मिलाकर सात लोगों को जेल में डाल दिया गया है. नरेन्द्र मोदी के राज में करोडों के भ्रष्टाचार करनेवाले आराम से घूमते है और दलितों को जेल भेज दिया जाता है. यह आदमी पीएम बनेगा तो पूरे देश में उसके दलाल-चमचे दलितों का ऐसा ही हाल करेंगे, जैसा हमारी कमलाबहन और उनके स्वजनों का हुआ है.  

Thursday, April 11, 2013

उपवास

फुटपाथ के किनारे पडी यह लाश उस आदमी की थी, जो बरसों से आमरणांत उपवास पर था, मगर उसने वह कमीने वाइसरोय को चिठ्ठी लिखकर बताया नहीं था.

सच्चे ह्रदयसम्राट



सवाल गांधी के पीछे जी लगाने का नहीं है. आप को नींद से उठाकर पूछ लिया तो भी आप कस्तुरबा ही कहेंगे, कस्तुरबहन नहीं कहेंगे, क्योंकि पीछले सत्तर सालों से इस देश के मीडीया एवम् एस्टाब्लिसमेन्ट ने आप को कस्तुरबा शब्द बोलने की आदत डाली है. सावित्री के पीछे माइ लगाकर सावित्रीमाइ फुले बोलने की आपको आदत नहीं है. रही बात बाबासाहब की. तो बाबासाहब को गरीमा प्रदान करने के लिए रमामाई कोलोनी में लोगों ने सीने पर गोलियां झेली है, अपनी जान कुरबान की है. बाबासाहब किसी मीडीया फेक्टरी से नीकले रेडीमेड लीडर नहीं है, वह तो जनता जनार्दन के सच्चे ह्रदय सम्राट है.

Tuesday, April 9, 2013

आमरणांत उपवासी

फुटपाथ के किनारे पडी यह लाश उस आदमी की थी, जो बरसों से आमरणांत उपवास पर था, मगर उसने वह कमीने वाइसरोय को चिठ्ठी लिखकर बताया नहीं था.