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Sunday, May 20, 2012

गुजरात के पुलीस स्टेशनों पर जमीन के दलालों के इस्तेहार


डीएनए का वृतांत - पुलीस-पोलीटीशीयन की दोस्ती

गुजरात के पुलीस स्टेशन्स पर बील्डरों की एडवर्टाइज़ करते हुए होर्डीग लगाए गए हैं. इससे बील्डरों को कीतना बडा फायदा होता होगा उसका अंदाजा हम लगा सकते है. सब लोग कहते हैं, मोदी गुजरात की जमीनें बेच रहा है, मगर कोई यह नहीं कहता, कैसे? मोदी ने गुजरात की पुलीस को जमीन के दलालों की भी दलाल बना दी है. अब आप ही बताये ये पुलीस वह 10,000 से ज्यादा लापता बच्चों की माताओं की पुकार सूनेगी? या बील्डरों के साथ बैठकर पुलीस स्टेशनों में महेफील मनायेंगी?

कोडीनार में टाटा के पावर प्लान्ट के लिए बीजेपी का सांसद और कारडीया राजपुत जाती का दीनु सोलंकी और उसके गुंडे दलितों की जमीनें सस्ते दामों में बीकवा रहा है. (इसका संपूर्ण ब्यौरा हम चंद दिनों में देंगे) यह वही दीनु सोलंकी है, जिसके गंवार, अनपढ भतीजे ने गुजरात हाइकोर्ट के दरवाजे पर आरटीआई एक्टिविस्ट जेठवा की हत्या की थी. अभी वह बेइल पर छूट गया है, और कोडीनार में उसका आतंक जारी है. एक आदमी गुजरात हाइकोर्ट के सामने किसी की हत्या करता है, फिर भी बेइल पर छूट सकता है, यह स्थिति गुजरात में है, और मानव अधिकार पंच के चेरपर्सन बालकृष्णन मोदी सरकार को क्लीन चीट देते हैं. राजकोट में दलित विद्यार्थीओं पर बेतहासा सीतम बरसाती हुई, उनके लेपटोप-मोबाइल्स पांव तले कुचलती हुई, होस्टेल के कमरों के दरवाजों को तोडती हुइ गुजरात की पुलीस कहती है, "मादरचोदों, तुम्हार बाप गांव में चमडा चूंथ रहा है, और तुम यहां ऐसा करते हो". (यह पूरी बात हमने रेकोर्ड की है और उसकी डोक्युमेन्टरी "मेरे बाप का पुतला" नाम से अभी आ रही है)

ऐसी पुलीस को बीजेपी ने बील्डरों की भडवी बना दी है. इस लिए हमने एनेक्सी में मानव अधिकार पंच के समक्ष कहा था, गुजरात सरकार को आदेश दिया जाय कि पुलीस स्टेशनो पर लगे बील्डरों की एडवर्टाइज के बोर्ड तुरन्त निकाले जाय. कमिशन ने गुजरात के डीजी को इस मामले में आदेश दे दिया है, डीजी कहते है, "यह हमने पब्लिक-पुलीस पार्टनरशीप के तहत किया था." हालांकी कमिशन ने हीयरींग के नाम पर गुजरात में ड्रामा ही किया है, यह बात हम कह चूके है. और उसका ब्यौरा अखबारों में छप चूका है. 

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