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Wednesday, April 17, 2013

मोदी सरकार ने दलित महिला सरपंच कमला मकवाणा को जेल में डाल दिया


कमलाबहन मकवाणा लाखवड की सरपंच बनी, मगर 6 माह तक पूर्व-सरपंच प्रहलाद पटेल ने उन्हे पंचायत की कचहरी में प्रवेश करने नहीं दिया. पंचायत का पूरा रेकोर्ड अपने खिस्से में रखा. जब भी कमलाबहन कचहरी जाती तो वह उन्हे, साली चमारीन तू यहां क्युं आती है, ये तेरा काम नहीं है, ऐसा कहकर गालियां देता था. यहां तक कि कमलाबहन के घर जाकर उनके पति बलदेवभाई को मारा-पीटा और गालियां दी. कमलाबहन ने उसके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत फरियाद की, मगर पुलीस ने पटेल की गिरफ्तारी नहीं की. पटेल सरपंच के ओहदे पर नहीं था, फिर भी कमलाबहन के नाम से पंचायत के लेटरपेड पर कमलाबहन के फर्जी दस्तखत करके लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट देता था. कमलाबहन ने उसके खिलाफ डीडीओ को फरीयाद की. डीडीओ ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया. 

दूसरी तरफ, कमलाबहन के पति बलदेवभाई ने आठ साल पहले अनुसूचित निगम से रू. 1.70 लाख में रीक्षा ली थी. रीक्षा लेने के बाद एक ही सप्ताह में उनकी रीक्षा का एक्सीडेन्ट हो गया. बलदेवभाई बूरी तरह जख्मी हूए थे. फिर उन्होने रीक्षा किराये पर दे दी थी. संयोगवशात एक लाख रूपया अभी तक बाकी था. उस वक्त बीजेपी का उप-सरपंच उनका जामीन हुआ था. उसने अभी उनके खिलाफ पुलीस कारवाई की, ऐसा कहते हुए कि ये लोग पैसा नहीं भरते इसलिए निगम मुझसे बाकी पैसा मांग रहा है और इन्हो ने फ्रोड किया है. इस बात पर पुलीस ने उन्हे पकड लिया और कोर्ट ने भी जमानत नहीं दी. आज कमलाबहन, उनके पति बलदेवभाई, पुत्र भरतभाई तथा अन्य चार स्वजन – कुल मिलाकर सात लोगों को जेल में डाल दिया गया है. नरेन्द्र मोदी के राज में करोडों के भ्रष्टाचार करनेवाले आराम से घूमते है और दलितों को जेल भेज दिया जाता है. यह आदमी पीएम बनेगा तो पूरे देश में उसके दलाल-चमचे दलितों का ऐसा ही हाल करेंगे, जैसा हमारी कमलाबहन और उनके स्वजनों का हुआ है.  

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