गुजरात के दलित नेता वालजीभाइ पटेल गांधीनगर के सेक्टर सात के पुलीस स्टेशन से अभी अभी रीहा हूए हैं। उन्हे ११ बजे गुजरात विधानसभा के गेट पर पुलीस ने गिरफ्तार किया । काउन्सील फोर सोशीयल जस्टीस के अध्यक्ष के पास पर्चियां थी जिस में आरक्षण का कानून बनाने की मांग की थी। मैं पूरा दिन उनके साथ था और शाम ६ बजे मैंने दलित पेंथर के स्थापक नेता की यह दुर्लभ तसवीर पुलीस स्टेशन से बाहर आते वक्त ले ली, क्योंकि मुझे मालुम था कि मीडीया में इसके बारे में एक शब्द भी नहीं छपेगा।
78 वर्षीय वालजीभाइ की गिरफ्तारी से एक बात निकलकर आती है कि गुजरात सरकार अपना होश गंवा चूकी है। पुलीस स्टेशन में एक पुलीस अफसर ने मेरे शर्ट के पोकेट से मेरी बोलपेन निकाली और पुछा यह स्पाय पेन तो नहीं है ना। पर्ची में बम, बोल पेन में स्टिंग। आनंदी सरकार की नींद अब हराम होने वाली है, मगर आरक्षण-भोगी, IAS, IPS, GAS काडर्स के हमारे साहबजादों, जिन्हे हम समारंभों में बुलाते हैं और हमारे तारणहार बनाते हैं, उनकी निंद कब उडेगी? हमारे तथाकथित एक्टीवीस्ट वोट्सअप से लेकर फेसबुक पर पूरी दुनिया की घटनाओं पर अपनी राय प्रगट करते रहते हैं, गांधीनगर में बहुत सारे विद्वान लोग बैठे हैं, दो-तीन दोस्तों के अलावा किसी ने पुलीस स्टेशन आना उचित नहीं समजा।
(शाम सात बजे, ता. 23 फरवरी 2016)
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