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Sunday, October 28, 2012

एक और कत्ल का हम इंतजार नहीं कर सकते.


अहमदाबाद में दलित संघर्ष मंच के कार्यक्रम में पांचसौ से ज्यादा लोगों ने अपने खुन से अंगुठा लगाकर राष्ट्रपति को आवेदनपत्र भेजने के अभियान का प्रारंभ किया. गुजरात में दलितो पर हो रहे जातिवादी हमलों के खिलाफ इस अभियान में एक लाख लोगों का समर्थन जुटाने का हमारा संकल्प है.

किसी भी जगह किसी दलित की हत्या होती है तो निकल पडते है लोग, दो दिन धिक्कार सभा करते है, शहरों में मोमबत्तियां लेकर रेलियां करते है, गवर्नर को मिलते है, प्रेस कोन्फरन्स करते है, जो पक्ष सत्ता में होता है, वह मामला रफा दफा करने की ताक में रहता है और जो विपक्ष में होता है, वह इस मुद्दे को उछाल उछाल कर अपनी रोटियां सेकता है, दलित पत्रकार विशेषांक निकालते है, दलित कवि कविता लिखता है, और फिर सो जाते हैं सब, अगले दिन किसी और जगह किसी की कत्ल का इन्तजार करते है, कुछ चालाक लोग प्रोजेक्ट बनाते है और बटोरते है ढेर सारा फोरीन फन्ड. मगर हमने सोचा है दो कत्लों के बीच के समय में हमारे सो रहे समाज को जगाना.
 
हम एक और कत्ल का इंतजार नहीं कर सकते.

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