डीएनए का वृतांत - पुलीस-पोलीटीशीयन की दोस्ती |
कोडीनार में टाटा के पावर प्लान्ट के लिए बीजेपी का सांसद और कारडीया राजपुत
जाती का दीनु सोलंकी और उसके गुंडे दलितों की जमीनें सस्ते दामों में बीकवा रहा
है. (इसका संपूर्ण ब्यौरा हम चंद दिनों में देंगे) यह वही दीनु सोलंकी है, जिसके
गंवार, अनपढ भतीजे ने गुजरात हाइकोर्ट के दरवाजे पर आरटीआई एक्टिविस्ट जेठवा की
हत्या की थी. अभी वह बेइल पर छूट गया है, और कोडीनार में उसका आतंक जारी है. एक
आदमी गुजरात हाइकोर्ट के सामने किसी की हत्या करता है, फिर भी बेइल पर छूट सकता
है, यह स्थिति गुजरात में है, और मानव अधिकार पंच के चेरपर्सन बालकृष्णन मोदी
सरकार को क्लीन चीट देते हैं. राजकोट में दलित विद्यार्थीओं पर बेतहासा सीतम
बरसाती हुई, उनके लेपटोप-मोबाइल्स पांव तले कुचलती हुई, होस्टेल के कमरों के
दरवाजों को तोडती हुइ गुजरात की पुलीस कहती है, "मादरचोदों, तुम्हार बाप गांव में चमडा चूंथ रहा
है, और तुम यहां ऐसा करते हो". (यह पूरी बात हमने
रेकोर्ड की है और उसकी डोक्युमेन्टरी "मेरे बाप का पुतला" नाम से अभी आ रही है)
ऐसी पुलीस को बीजेपी ने
बील्डरों की भडवी बना दी है. इस लिए हमने एनेक्सी में मानव अधिकार पंच के समक्ष
कहा था, गुजरात सरकार को आदेश दिया जाय कि पुलीस स्टेशनो पर लगे बील्डरों की
एडवर्टाइज के बोर्ड तुरन्त निकाले जाय. कमिशन ने गुजरात के डीजी को इस मामले में
आदेश दे दिया है, डीजी कहते है, "यह हमने
पब्लिक-पुलीस पार्टनरशीप के तहत किया था." हालांकी कमिशन ने हीयरींग के नाम पर गुजरात में
ड्रामा ही किया है, यह बात हम कह चूके है. और उसका ब्यौरा अखबारों में छप चूका है.
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